Wednesday 26 November, 2008

उम्मीदवार मई भी हु


मै बेकरार हु मुद्दत से मेम्बरी के लिए


टिकेट मूज़े भी दिला दो अस्सेंब्ली के लिए



टिकेट के बात से गैरत भी बेच सकता हु |


मै खानदान की इज्ज़त भी बेच सकता हु |


बीके तो अपनी शराफत भी बेच सकता हु |


मुजे सुकून है डरकर जिंदगी के लिए |

0 comments:

Similar Posts