महबूब वादा कर के भी आया ना दोस्तों
क्या क्या किया ना हम ने यहाँ उस के प्यार में
मुर्गे चुरा के लाये थे जो चार
दो आरजू में कट गए, दो इंतज़ार में
Wednesday 16 July, 2008
महबूब
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जीव के कुछ पलों को खूबसूरत बनाया है संगीत, गीत , कविताये, पद्य, गज़ले, नृत्य वाद्य और इन सब में निपुण कलाकाराने। इस ब्लॉग द्वारा मै उन, सब पलों को याद करना चाहता हु और उन सबको धन्यवाद् देना चाहता हु जिन्होंने इस जीवन को ख़ूबसूरत बनाया है |
महबूब वादा कर के भी आया ना दोस्तों
क्या क्या किया ना हम ने यहाँ उस के प्यार में
मुर्गे चुरा के लाये थे जो चार
दो आरजू में कट गए, दो इंतज़ार में
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